*संथारा (आमरण अन्न जल का त्याग)
संथारा लेने से पहले मासूम मां से बोला- रोना मत…देह त्यागने वाला 11 साल का एकलौता बेटा था..*
अजमेर में कैंसर से लड़ रहे 11 साल के भव्य चंगेरिया ने गुरुवार रात संथारा ले लिया। माना जा रहा है कि इतनी कम उम्र में संथारा का यह पहला मामला है। खबर लगते ही लड़के के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। उनकी आंखें नम थीं। सभी ने उस मासूम के मोक्ष की प्रार्थना की।
भव्य चंगेरिया (11) बीते चार साल से ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे थे। गुरुवार को संथारा लेने से पहले भव्य ने अपनी मां से कहा- रोना मत, हंसकर विदा देना। दोपहर करीब 1.30 बजे संथारा लेने के बाद भव्य ने रात करीब 8.15 बजे प्राण त्याग दिए। शुक्रवार सुबह 9.30 बजे बजे उनके निवास से अंतिम यात्रा निकाली गई। जिसमें जैन समाज और दूसरे लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। भव्य का अंतिम संस्कार ऋषि घाटी, मुक्तिधाम में हुआ।
भव्य चंगेरिया परिवार के एकलौते बेटे थे। उनके मां-बाप को उनके त्याग पर गर्व है।
पहले ही जता चुके थे संथारा की इच्छा
परिवार ने बताया कि अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर भर्ती भव्य के बारे में डॉक्टरों ने कहा कि उनके हाथ में अब कुछ नहीं है। इसके बाद गुरुवार को भव्य को घर लाया गया। भव्य पूर्व में ही परिवार के आगे संथारा की इच्छा जता चुके थे।
जेठमल मुथा वंदेभरात लाईव्ह टीव्ही न्यूज पत्रकार पुणे